रुड़की(ब्यूरो)। इकबालपुर चीनी मिल से गन्ना भुगतान न मिलने और स्मार्ट मीटर लगाए जाने के विरोध में उत्तराखंड किसान मोर्चा का धरना एसडीएम कार्यालय पर बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। किसानों का कहना है कि सरकार और चीनी मिल प्रशासन की लापरवाही के कारण गन्ना भुगतान बकाया है, जिससे किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने के फैसले का भी किसान खुलकर विरोध कर रहे हैं। उधर होटल राजमहल के स्वामी समाजसेवी मेहरबान अली ने भी संगठन की सदस्यता ग्रहण कर ली है। समाजसेवी मेहरबान अली के रूप में किसान के बेटे ने ग्रहण की मजबूत किसान संगठन की सदस्यता।
धरने की अध्यक्षता मास्टर मेनपाल सिंह ने की,जबकि संचालन दीपक पुण्डीर ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। धरना स्थल पर किसानों का गुस्सा साफ झलक रहा था। किसान नेताओं का कहना था कि सरकार व मिल प्रबंधन की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गन्ना भुगतान न मिलने से किसान संकट में
गन्ना पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों की प्रमुख नकदी फसल है। किसान सालभर मेहनत करके गन्ना पैदा करते हैं और उसे चीनी मिलों को बेचते हैं। लेकिन इकबालपुर चीनी मिल की ओर से लंबे समय से गन्ना भुगतान लंबित है। किसानों का आरोप है कि कई-कई महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें बकाया धनराशि नहीं मिली।
किसानों ने बताया कि गन्ना भुगतान न मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। बच्चों की पढ़ाई, परिवार का खर्च और खेती-बाड़ी का अगला चक्र शुरू करने के लिए उन्हें धन की जरूरत है, लेकिन मिल प्रशासन की देरी के कारण वे कर्ज लेने पर मजबूर हो रहे हैं।
धरने में मौजूद किसानों ने कहा कि वे कई बार प्रशासन और मिल प्रबंधन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन मिलता है। किसान नेताओं का कहना था कि यदि समय पर गन्ने का भुगतान नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
स्मार्ट मीटर का विरोध
धरना स्थल पर किसानों ने केवल गन्ना भुगतान का ही मुद्दा नहीं उठाया, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों का भी विरोध किया। किसानों का कहना है कि स्मार्ट मीटर से बिजली बिलों में अनियमितता बढ़ रही है। बिल की राशि अचानक बढ़ जाती है और कई बार बिना उपयोग किए भी अत्यधिक बिल आ जाता है।
किसानों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं का शोषण कर रहा है। ग्रामीण उपभोक्ता पहले ही महंगी खाद, डीजल और महंगाई की मार झेल रहे हैं। ऐसे में बिजली बिलों में अनियमितता उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता वापस नहीं ली गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
धरने में बड़ी संख्या में किसान शामिल
धरना स्थल पर बुधवार को भी बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। इस दौरान किसान नेताओं ने एकजुटता का परिचय देते हुए कहा कि गन्ना बकाया भुगतान और स्मार्ट मीटर के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। धरने में उपस्थित प्रमुख किसानों में अक्षय त्यागी,सतकुमार सिंह,महिपाल सिंह प्रधान,बालेन्द्र त्यागी,आकिल हसन,मो. आज़म,महकार सिंह,अरविंद थिथकी,सुरेन्द्र लम्बरदार,मुनेश त्यागी,जमील अहमद,शेषराज, रमन सिंह,शेर अली,अनिल सैनी, वीरेन्द्र सैनी,समीर आलम,मेहरबान अली,सरवर अली,वीर सिंह,इरशाद,रमेश रोड,विजेंद्र सिंह,अब्दुल गनी आदि किसान मौजूद रहे।
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